विषय - अतिप्रिय बंधुओं यह सर्वनाश के पहिले की अंतिम चेतावनी है अर्थात जगत ने मन ना फिराया तो सर्वनाश निश्चित है ???
क्योंकि परम प्रधान सृजनहार परमात्मा परमेश्वर यहोवा का सनातन सत्य और जीवंत वचन अतिस्पष्ट रीति से यह उद्घोषणा करता है कि - जो कुछ गाजाम नाम टिड्डी से बचा; उसे अर्बे नाम टिड्डी ने खा लिया। और जो कुछ अर्बे नाम टिड्डी से बचा, उसे येलेक नाम टिड्डी ने खा लिया, और जो कुछ येलेक नाम टिड्डी से बचा, उसे हासील नाम टिड्डी ने खा लिया है। हे मतवालो, जाग उठो, और रोओ; और हे सब दाखमधु पीने वालो, नये दाखमधु के कारण हाय, हाय, करो; क्योंकि वह तुम को अब न मिलेगा॥ देखो, मेरे देश पर एक जाति ने चढ़ाई की है, वह सामर्थी है, और उसके लोग अनगिनित हैं; उसके दांत सिंह के से, और डाढ़ें सिहनी की सी हैं। उसने मेरी दाखलता को उजाड़ दिया, और मेरे अंजीर के वृक्ष को तोड़ डाला है; उसने उसकी सब छाल छील कर उसे गिरा दिया है, और उसकी डालियां छिलने से सफेद हो गई हैं॥जैसे युवती अपने पति के लिये कटि में टाट बान्धे हुए विलाप करती है, वैसे ही तुम भी विलाप करो। यहोवा के भवन में न तो अन्नबलि और न अर्घ आता है। उसके टहलुए जो याजक हैं, वे विलाप कर रहे हैं। खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है॥ हे किसानो, लज्जित हो, हे दाख की बारी के मालियों, गेहूं और जव के लिये हाय, हाय करो; क्योंकि खेती मारी गई है। दाखलता सूख गई, और अंजीर का वृक्ष कुम्हला गया है। अनार, ताड़, सेव, वरन मैदान के सब वृक्ष सूख गए हैं; और मनुष्यों का हर्ष जाता रहा है॥ हे याजको, कटि में टाट बान्ध कर छाती पीट-पीट के रोओ! हे वेदी के टहलुओ, हाय, हाय, करो। हे मेरे परमेश्वर के टहलुओ, आओ, टाट ओढ़े हुए रात बिताओ! क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और अर्घ अब नहीं आते॥उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो। पुरनियों को, वरन देश के सब रहने वालों को भी अपने परमेश्वर यहोवा के भवन में इकट्ठे कर के उसकी दोहाई दो॥ उस दिन के कारण हाय! क्योंकि यहोवा का दिन निकट है। वह सर्वशक्तिमान की ओर से सत्यानाश का दिन हो कर आएगा।
(योएल 1:4-15)
अतिप्रिय बंधुओं परम प्रधान सृजनहार परमात्मा परमेश्वर यहोवा एलोहीम का करोड़ों करोड़ों धन्यवाद हो इस अद्भुद वचन के लिए, उसकी महिमा का गुणानुवाद युगानुयुग तक होता रहे, क्योंकि वह भला है उसकी करुणा सदा की हैlll
प्रियजनों जैसा कि मैं बार बार कह रहा था कि हम इस अंतिम युग के अंतिम पड़ाव में रह रहे हैं, जिस किसी मनुष्य ने अब भी अपना मन ना फिराया और खुद को सम्पूर्ण आत्मा से प्रभु परमेश्वर येशुआ मेसियाख के पवित्र चरणों में पूरी ईमानदारी से अर्पित ना किया तो सर्वनाश निश्चित है, क्योंकि यह घुटने टेककर अपने किये पर पछताने और पश्चाताप करने का, अर्थात समस्त पाप स्वभाव से मन फिराने का समय है,
लोगों ने कोरोना महामारी को बहुत ही हल्के में लिया था, उसके दुष्परिणाम हम अपनी आँखों से देख ही रहे हैं और तभी अचानक से एक दूसरी आपदा ने हमारी इस भूमि पर हमला कर दिया है, इसे भी हल्के में ना लें क्योंकि जिन्होंने पवित्रशास्त्र बाइबिल का भलीभांति अध्ययन किया है वे जानते हैं की हम सभी अर्थात इस जगत के सम्पूर्ण मानव जाति सर्वनाश के कगार पर खड़े हुए हैं, प्रभु येशुआ के द्वितीय आगमन के पूर्व पश्चाताप और विलाप के साथ मन फिराने का एक अंतिम अवसर अनुग्रह से हमें प्रदान किया गया है और परम प्रधान परमेश्वर का सनातन सत्य और जीवंत वचन अतिस्पष्ट रीति से उद्घोषणा करते हुए कह रहा है कि-
और तुझे और तेरे बालकों को जो तुझ में हैं, मिट्टी में मिलाएंगे, और तुझ में पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे; क्योंकि तू ने वह अवसर जब तुझ पर कृपा दृष्टि की गई न पहिचाना॥
(लूका 19:44)
प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
(2 पतरस 3:9)
मैं ने उस को मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।
(प्रकाशित वाक्य 2:21)
हाँ प्रियजनों यही सम्पूर्ण सत्य है सम्पूर्ण जगत के मानव मात्र का कि वह अपने ही बकवास दम्भ में ज़ी रहा है अथवा जीने कि कोशिश कर रहा है वहीं सकल धर्म का बैरी, परमेश्वर का परम विरोधी दुष्ट अति धूर्त शैतान सम्पूर्ण मानव जाति को सर्वनाश के कगार पर लाकर हमें जीने ना देने की अपनी ही कल्पना को साकार करने की धुन में है और परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर ने सिर्फ अनुमति दी है ताकि मनुष्य मात्र को अपनी वास्तविकता से रूबरू करा सके उर्दू में कहा जाये तो वह इंसान को उसकी ओकात याद दिलाना चाहता है फिर भी वह हमारा सृजनहार है इसीलिए अब भी वह हमसे अथाह सागर से भी गहिरा प्रेम करता है क्योंकि वह हमारा बचाने वाला भी है, हमें इस आपदा से बचाना भी चाहता है, परन्तु विडंबना ही कहलें कि मनुष्य उसकी चेतावनियों को तुच्छ जानकर प्राप्त अवसरों को खोता चला जा रहा है, और कुछ लोग तो इसी दम्भ में ज़ी रहे हैं कि मैं तो प्रभु का हूँ भाई, मुझे क्या जरूरत है मन फिराने की क्योंकि मैं तो बचपन से मसीही कहलाता हूँ क्योंकि बचपन से मेरा नाम पॉल है, जॉन है, पीटर है, जोसेफ है हम तो अपने नाम से ही बच जायेंगे अर्थात प्रभु हमारे नामों के अनुसार ही हमें बचा लेंगे परन्त्तु जिसके कान हों वे सुन लें की यह शताब्दी का सबसे बड़ा जोक अर्थात मजाक ठहरेगा, सचमुच यह अत्याधिक हास्यास्पद बात है और मूर्खतापूर्ण भी क्योंकि ऐसा कहकर लोग बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में ज़ी रहे हैं, क्योंकि नामधारी मसीहियों का भी वही हाल होना है जो शेष जगत का और बचेंगे केवल वही जिन्होंने जल और आत्मा से नए जन्म की पारलौकिक, परम अनुभूति को पा लिया है और जिन्होंने परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर प्रभु येशुआ मेसियाख से पवित्रात्मा के द्वारा एकाकार कर लिया हैlll कुल मिलाकर जिन्होंने प्राप्त अवसर को बहुमूल्य समझकर अपने पाप स्वभाव से मन फिरा लिया हो (यूहन्ना 3:1-10, तीतुस 3:3-10,)
अर्थात रोमियों कि पत्री अध्याय 8 के 1 से 14 तक उद्घोषित परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर के सनातन सत्य और जीवंत वचन के अनुसार चलता हो (उपरोक्त वचनों को अत्याधिक ध्यान पूर्वक पढें)
क्योंकि अब देर ना होगी हमें अपने आपको रोमियों की पत्री 12:1-7 में लिखे हुए वचनों के आधार पर खुद को पूरी रीति से प्रभु के चारणों में अर्पित करने का अवसर है ये, और प्रभु परमेश्वर स्वयं कहते हैं कि-
और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। (आमो. 5:13, कुलु. 4:5)
(इफिसियों 5:16)
अर्थात यही है वो अंतिम अवसर जो इस जगत के लोगों को अपने अनुग्रह से प्रदान किया गया है, अगर अब भी इस अवसर को तुच्छ सा जानकर अपना मन ना फिराएं तो सर्वनाश निश्चित है, ऐसा मैं नहीं वरन परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर का सनातन सत्य और जीवंत वचन कहता है lll
प्रियजनों योएल भविष्यद्वक्ता ने हजारों साल पूर्व इन्हीं दिनों को सर्वशक्तिमान कीओर से सर्वनाश का दिन कहा है जैसा कि इसी सन्देश के प्रारम्भ में अति स्पष्ट रीति से उल्लेखित है, और इन्हीं बातों की पुष्टि पवित्र शास्त्र बाइबिल के ही अंतिम पुस्तक प्रकाशित वाक्य में भी अतिस्पष्ट रीति से उद्घोषणा करते हुए की गयी है जो कि आज से तक़रीबन 2000 साल पाहिले, प्रभु येशु मसीह के स्वर्गारोहण के पश्चात्, पहली ही शताब्दी में पवित्रात्मा के द्वारा यूहन्ना प्रेरित ने लिखीं लिखी थीं, और वे सारी बातें ही आज अक्षरशः पूरी होती दिखाई दे रहीं हैं, इसीलिए आज का हर एक सच्चा मसीही, (अर्थात मसीही धर्म का अनुयायी नहीं वरन) मसीह का सच्चा अनुयायी, अत्याधिक व्याकुल है, वह भी खुद अपने लिए नहीं वरन इस जगत के लिए, जो अनजाने ही विनाश की ओर अति वेग से जा रहा है lll
प्रिय जनों बहुतों ने अभी भी नम्र और दीन होकर मन फिराने अपने किये पर सच्चे मन से पश्चाताप करने के बजाय, अपने अपने हृदयों को अब भी उद्धारकर्ता प्रभु येशु मसीह के प्रति अत्यधिक कठोर कर रखा है क्योंकि मसीह यीशु चंद मुट्ठी भर लोगों या किसी एक कुल या जाति की बपौती नहीं है वरन वह तो सम्पूर्ण मानव जाति का उद्धारकर्ता है इसीलिए किसी मसीहियों की प्रार्थना पर निर्भर ना रहकर प्रत्येक मानव जाति का प्रथम कर्तव्य है, कि मन फिराकर खुद को उसके पवित्र चरणों में अर्पित कर दें परन्तु मनुष्य है कि अपने अपने किये पर शर्मसार होने की बात तो दूर वरन उन्हें रत्ती भर भी रंज नहीं, वरन अपने सृजनहार पर ही सवाल खड़े कर देने पर उतारू हैं, और अभी भी सृजनहार प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह को सिर्फ तथाकथित ईसाईयों का कुल देवता समझकर, किसी और परमात्मा से पूछ रहे हैं कि वह इस सर्वनाश की अनुमति क्यों दे रहा है ???
प्रियजनों याद रखें इंसानों के बर्दाश्त की एक हद होती है, तो निश्चित ही मनुष्यों को सृजने वाला परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर की भी सहने की एक हद है, परन्तु उसकी दया का जो असीमित है जिसका कोई अंत नहीं हद नहीं क्योंकि वह तो प्रेम है, इसीलिए तो हम अब तक बचे हुए हैं, और निर्मूल नहीं हुए हैं, स्मरण रहे यह तो प्रारम्भ है अंत का, यही समझो कि यही अंतिम चेतावनी है, हमारे मन फिराने के लिए क्योंकि अभी तो आने वाली हैं वे बातें जिन्हें देखकर मनुष्य पहाड़ों से कहेगा कि मेरे ऊपर गिर जाओ ताकि मैं मर जाऊँ, और इस अति दर्दनाक मंजर से होकर गुजरने से मौत ही भली है, परन्तु लिखा है उस दिन तुमको मौत भी ना मिलेगी, क्योकि जिंदगी और मौत तो उसी परम प्रधान सृजनहार परमात्मा परमेश्वर के हाथ में निहित है, वही तुम्हारे ह्रदय कि कठोरता के अनुसार उस आने वाले अति भयानक दर्द से होकर गुजरने देगा वह भी मौत दिये बगैर, क्योंकि मौत तो आसान सा रास्ता होता है दर्द से मुक्ति का, परन्तु उन दिनों में मनुष्य मरने में भी नाकाम होगा, ऐसे दिन निःसंदेह आने वाले हैं क्योंकि ऐसा मैं नहीं, वरन पवित्र शास्त्र बाइबिल में, परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर के सनातन सत्य और जीवंत वचन हमारे उद्धारकर्ता और प्रभु, यीशु मसीह ने अति स्पष्ट रीति से उद्घोषणा कर दी है, अब किसी भी झूठे भविष्यद्वक्ताओं के लिए अपने नाम और शोहरत के लिए फ़ालतू में चोंच चलाने का कोई मतलब नहीं निकलता वरन ऐसे झूठे लोगों को भी खुद को पवित्रात्मा को पूरी ईमानदारी से सौंप दो और परमेश्वर के मर्म को अनुभव से जानलो, फिर से कहता हूँ अवसर को बहुमूल्य समझो दीन बहुत ही बुरे हैं।
(रोमियों 12:1-7,एवं इफिसियों 5:16)
परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर अपने इस अद्भुद सन्देश के द्वारा आपके ज्ञान चक्षुओं को खोल दे और परम सत्य का ज्ञान दे lll आमीन फिर आमीन lll
क्योंकि परम प्रधान सृजनहार परमात्मा परमेश्वर यहोवा का सनातन सत्य और जीवंत वचन अतिस्पष्ट रीति से यह उद्घोषणा करता है कि - जो कुछ गाजाम नाम टिड्डी से बचा; उसे अर्बे नाम टिड्डी ने खा लिया। और जो कुछ अर्बे नाम टिड्डी से बचा, उसे येलेक नाम टिड्डी ने खा लिया, और जो कुछ येलेक नाम टिड्डी से बचा, उसे हासील नाम टिड्डी ने खा लिया है। हे मतवालो, जाग उठो, और रोओ; और हे सब दाखमधु पीने वालो, नये दाखमधु के कारण हाय, हाय, करो; क्योंकि वह तुम को अब न मिलेगा॥ देखो, मेरे देश पर एक जाति ने चढ़ाई की है, वह सामर्थी है, और उसके लोग अनगिनित हैं; उसके दांत सिंह के से, और डाढ़ें सिहनी की सी हैं। उसने मेरी दाखलता को उजाड़ दिया, और मेरे अंजीर के वृक्ष को तोड़ डाला है; उसने उसकी सब छाल छील कर उसे गिरा दिया है, और उसकी डालियां छिलने से सफेद हो गई हैं॥जैसे युवती अपने पति के लिये कटि में टाट बान्धे हुए विलाप करती है, वैसे ही तुम भी विलाप करो। यहोवा के भवन में न तो अन्नबलि और न अर्घ आता है। उसके टहलुए जो याजक हैं, वे विलाप कर रहे हैं। खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है॥ हे किसानो, लज्जित हो, हे दाख की बारी के मालियों, गेहूं और जव के लिये हाय, हाय करो; क्योंकि खेती मारी गई है। दाखलता सूख गई, और अंजीर का वृक्ष कुम्हला गया है। अनार, ताड़, सेव, वरन मैदान के सब वृक्ष सूख गए हैं; और मनुष्यों का हर्ष जाता रहा है॥ हे याजको, कटि में टाट बान्ध कर छाती पीट-पीट के रोओ! हे वेदी के टहलुओ, हाय, हाय, करो। हे मेरे परमेश्वर के टहलुओ, आओ, टाट ओढ़े हुए रात बिताओ! क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और अर्घ अब नहीं आते॥उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो। पुरनियों को, वरन देश के सब रहने वालों को भी अपने परमेश्वर यहोवा के भवन में इकट्ठे कर के उसकी दोहाई दो॥ उस दिन के कारण हाय! क्योंकि यहोवा का दिन निकट है। वह सर्वशक्तिमान की ओर से सत्यानाश का दिन हो कर आएगा।
(योएल 1:4-15)
अतिप्रिय बंधुओं परम प्रधान सृजनहार परमात्मा परमेश्वर यहोवा एलोहीम का करोड़ों करोड़ों धन्यवाद हो इस अद्भुद वचन के लिए, उसकी महिमा का गुणानुवाद युगानुयुग तक होता रहे, क्योंकि वह भला है उसकी करुणा सदा की हैlll
प्रियजनों जैसा कि मैं बार बार कह रहा था कि हम इस अंतिम युग के अंतिम पड़ाव में रह रहे हैं, जिस किसी मनुष्य ने अब भी अपना मन ना फिराया और खुद को सम्पूर्ण आत्मा से प्रभु परमेश्वर येशुआ मेसियाख के पवित्र चरणों में पूरी ईमानदारी से अर्पित ना किया तो सर्वनाश निश्चित है, क्योंकि यह घुटने टेककर अपने किये पर पछताने और पश्चाताप करने का, अर्थात समस्त पाप स्वभाव से मन फिराने का समय है,
लोगों ने कोरोना महामारी को बहुत ही हल्के में लिया था, उसके दुष्परिणाम हम अपनी आँखों से देख ही रहे हैं और तभी अचानक से एक दूसरी आपदा ने हमारी इस भूमि पर हमला कर दिया है, इसे भी हल्के में ना लें क्योंकि जिन्होंने पवित्रशास्त्र बाइबिल का भलीभांति अध्ययन किया है वे जानते हैं की हम सभी अर्थात इस जगत के सम्पूर्ण मानव जाति सर्वनाश के कगार पर खड़े हुए हैं, प्रभु येशुआ के द्वितीय आगमन के पूर्व पश्चाताप और विलाप के साथ मन फिराने का एक अंतिम अवसर अनुग्रह से हमें प्रदान किया गया है और परम प्रधान परमेश्वर का सनातन सत्य और जीवंत वचन अतिस्पष्ट रीति से उद्घोषणा करते हुए कह रहा है कि-
और तुझे और तेरे बालकों को जो तुझ में हैं, मिट्टी में मिलाएंगे, और तुझ में पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे; क्योंकि तू ने वह अवसर जब तुझ पर कृपा दृष्टि की गई न पहिचाना॥
(लूका 19:44)
प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता, जैसी देर कितने लोग समझते हैं; पर तुम्हारे विषय में धीरज धरता है, और नहीं चाहता, कि कोई नाश हो; वरन यह कि सब को मन फिराव का अवसर मिले।
(2 पतरस 3:9)
मैं ने उस को मन फिराने के लिये अवसर दिया, पर वह अपने व्यभिचार से मन फिराना नहीं चाहती।
(प्रकाशित वाक्य 2:21)
हाँ प्रियजनों यही सम्पूर्ण सत्य है सम्पूर्ण जगत के मानव मात्र का कि वह अपने ही बकवास दम्भ में ज़ी रहा है अथवा जीने कि कोशिश कर रहा है वहीं सकल धर्म का बैरी, परमेश्वर का परम विरोधी दुष्ट अति धूर्त शैतान सम्पूर्ण मानव जाति को सर्वनाश के कगार पर लाकर हमें जीने ना देने की अपनी ही कल्पना को साकार करने की धुन में है और परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर ने सिर्फ अनुमति दी है ताकि मनुष्य मात्र को अपनी वास्तविकता से रूबरू करा सके उर्दू में कहा जाये तो वह इंसान को उसकी ओकात याद दिलाना चाहता है फिर भी वह हमारा सृजनहार है इसीलिए अब भी वह हमसे अथाह सागर से भी गहिरा प्रेम करता है क्योंकि वह हमारा बचाने वाला भी है, हमें इस आपदा से बचाना भी चाहता है, परन्तु विडंबना ही कहलें कि मनुष्य उसकी चेतावनियों को तुच्छ जानकर प्राप्त अवसरों को खोता चला जा रहा है, और कुछ लोग तो इसी दम्भ में ज़ी रहे हैं कि मैं तो प्रभु का हूँ भाई, मुझे क्या जरूरत है मन फिराने की क्योंकि मैं तो बचपन से मसीही कहलाता हूँ क्योंकि बचपन से मेरा नाम पॉल है, जॉन है, पीटर है, जोसेफ है हम तो अपने नाम से ही बच जायेंगे अर्थात प्रभु हमारे नामों के अनुसार ही हमें बचा लेंगे परन्त्तु जिसके कान हों वे सुन लें की यह शताब्दी का सबसे बड़ा जोक अर्थात मजाक ठहरेगा, सचमुच यह अत्याधिक हास्यास्पद बात है और मूर्खतापूर्ण भी क्योंकि ऐसा कहकर लोग बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में ज़ी रहे हैं, क्योंकि नामधारी मसीहियों का भी वही हाल होना है जो शेष जगत का और बचेंगे केवल वही जिन्होंने जल और आत्मा से नए जन्म की पारलौकिक, परम अनुभूति को पा लिया है और जिन्होंने परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर प्रभु येशुआ मेसियाख से पवित्रात्मा के द्वारा एकाकार कर लिया हैlll कुल मिलाकर जिन्होंने प्राप्त अवसर को बहुमूल्य समझकर अपने पाप स्वभाव से मन फिरा लिया हो (यूहन्ना 3:1-10, तीतुस 3:3-10,)
अर्थात रोमियों कि पत्री अध्याय 8 के 1 से 14 तक उद्घोषित परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर के सनातन सत्य और जीवंत वचन के अनुसार चलता हो (उपरोक्त वचनों को अत्याधिक ध्यान पूर्वक पढें)
क्योंकि अब देर ना होगी हमें अपने आपको रोमियों की पत्री 12:1-7 में लिखे हुए वचनों के आधार पर खुद को पूरी रीति से प्रभु के चारणों में अर्पित करने का अवसर है ये, और प्रभु परमेश्वर स्वयं कहते हैं कि-
और अवसर को बहुमूल्य समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। (आमो. 5:13, कुलु. 4:5)
(इफिसियों 5:16)
अर्थात यही है वो अंतिम अवसर जो इस जगत के लोगों को अपने अनुग्रह से प्रदान किया गया है, अगर अब भी इस अवसर को तुच्छ सा जानकर अपना मन ना फिराएं तो सर्वनाश निश्चित है, ऐसा मैं नहीं वरन परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर का सनातन सत्य और जीवंत वचन कहता है lll
प्रियजनों योएल भविष्यद्वक्ता ने हजारों साल पूर्व इन्हीं दिनों को सर्वशक्तिमान कीओर से सर्वनाश का दिन कहा है जैसा कि इसी सन्देश के प्रारम्भ में अति स्पष्ट रीति से उल्लेखित है, और इन्हीं बातों की पुष्टि पवित्र शास्त्र बाइबिल के ही अंतिम पुस्तक प्रकाशित वाक्य में भी अतिस्पष्ट रीति से उद्घोषणा करते हुए की गयी है जो कि आज से तक़रीबन 2000 साल पाहिले, प्रभु येशु मसीह के स्वर्गारोहण के पश्चात्, पहली ही शताब्दी में पवित्रात्मा के द्वारा यूहन्ना प्रेरित ने लिखीं लिखी थीं, और वे सारी बातें ही आज अक्षरशः पूरी होती दिखाई दे रहीं हैं, इसीलिए आज का हर एक सच्चा मसीही, (अर्थात मसीही धर्म का अनुयायी नहीं वरन) मसीह का सच्चा अनुयायी, अत्याधिक व्याकुल है, वह भी खुद अपने लिए नहीं वरन इस जगत के लिए, जो अनजाने ही विनाश की ओर अति वेग से जा रहा है lll
प्रिय जनों बहुतों ने अभी भी नम्र और दीन होकर मन फिराने अपने किये पर सच्चे मन से पश्चाताप करने के बजाय, अपने अपने हृदयों को अब भी उद्धारकर्ता प्रभु येशु मसीह के प्रति अत्यधिक कठोर कर रखा है क्योंकि मसीह यीशु चंद मुट्ठी भर लोगों या किसी एक कुल या जाति की बपौती नहीं है वरन वह तो सम्पूर्ण मानव जाति का उद्धारकर्ता है इसीलिए किसी मसीहियों की प्रार्थना पर निर्भर ना रहकर प्रत्येक मानव जाति का प्रथम कर्तव्य है, कि मन फिराकर खुद को उसके पवित्र चरणों में अर्पित कर दें परन्तु मनुष्य है कि अपने अपने किये पर शर्मसार होने की बात तो दूर वरन उन्हें रत्ती भर भी रंज नहीं, वरन अपने सृजनहार पर ही सवाल खड़े कर देने पर उतारू हैं, और अभी भी सृजनहार प्रभु परमेश्वर यीशु मसीह को सिर्फ तथाकथित ईसाईयों का कुल देवता समझकर, किसी और परमात्मा से पूछ रहे हैं कि वह इस सर्वनाश की अनुमति क्यों दे रहा है ???
प्रियजनों याद रखें इंसानों के बर्दाश्त की एक हद होती है, तो निश्चित ही मनुष्यों को सृजने वाला परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर की भी सहने की एक हद है, परन्तु उसकी दया का जो असीमित है जिसका कोई अंत नहीं हद नहीं क्योंकि वह तो प्रेम है, इसीलिए तो हम अब तक बचे हुए हैं, और निर्मूल नहीं हुए हैं, स्मरण रहे यह तो प्रारम्भ है अंत का, यही समझो कि यही अंतिम चेतावनी है, हमारे मन फिराने के लिए क्योंकि अभी तो आने वाली हैं वे बातें जिन्हें देखकर मनुष्य पहाड़ों से कहेगा कि मेरे ऊपर गिर जाओ ताकि मैं मर जाऊँ, और इस अति दर्दनाक मंजर से होकर गुजरने से मौत ही भली है, परन्तु लिखा है उस दिन तुमको मौत भी ना मिलेगी, क्योकि जिंदगी और मौत तो उसी परम प्रधान सृजनहार परमात्मा परमेश्वर के हाथ में निहित है, वही तुम्हारे ह्रदय कि कठोरता के अनुसार उस आने वाले अति भयानक दर्द से होकर गुजरने देगा वह भी मौत दिये बगैर, क्योंकि मौत तो आसान सा रास्ता होता है दर्द से मुक्ति का, परन्तु उन दिनों में मनुष्य मरने में भी नाकाम होगा, ऐसे दिन निःसंदेह आने वाले हैं क्योंकि ऐसा मैं नहीं, वरन पवित्र शास्त्र बाइबिल में, परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर के सनातन सत्य और जीवंत वचन हमारे उद्धारकर्ता और प्रभु, यीशु मसीह ने अति स्पष्ट रीति से उद्घोषणा कर दी है, अब किसी भी झूठे भविष्यद्वक्ताओं के लिए अपने नाम और शोहरत के लिए फ़ालतू में चोंच चलाने का कोई मतलब नहीं निकलता वरन ऐसे झूठे लोगों को भी खुद को पवित्रात्मा को पूरी ईमानदारी से सौंप दो और परमेश्वर के मर्म को अनुभव से जानलो, फिर से कहता हूँ अवसर को बहुमूल्य समझो दीन बहुत ही बुरे हैं।
(रोमियों 12:1-7,एवं इफिसियों 5:16)
परम प्रधान परमात्मा परमेश्वर अपने इस अद्भुद सन्देश के द्वारा आपके ज्ञान चक्षुओं को खोल दे और परम सत्य का ज्ञान दे lll आमीन फिर आमीन lll
No comments:
Post a Comment